एकादशी कब है – Ekadashi Kab Ki Hai 2024/2025

एकादशी, हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की आराधना और व्रत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। हर चंद्र मास में दो बार आने वाली इस तिथि का धार्मिक, आध्यात्मिक और पौराणिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। इसे “पाप नाशिनी तिथि” के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत आध्यात्मिक शुद्धि, पुण्य लाभ और मोक्ष […]

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सौराष्ट्रे सोमनाथं – द्वादश ज्योतिर्लिंग – मंत्र: Saurashtre Somanathan – Dwadas Jyotirling

सौराष्ट्रे सोमनाथं – द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र (विस्तृत विवरण) द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र केवल भगवान शिव की आराधना का माध्यम नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, इतिहास, भूगोल, और धार्मिक परंपराओं का एक अद्वितीय संगम है। यह मंत्र बारह पवित्र ज्योतिर्लिंग स्थलों की महिमा का वर्णन करता है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में अलग-अलग दिशाओं में फैले हुए

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श्री शनि अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली: Shani Ashtottara Shatnam Namavali

शनि देव भारतीय ज्योतिष और अध्यात्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। वे न्याय के देवता और कर्मफल दाता हैं। उनकी कृपा से भक्तों को अपने जीवन में आने वाले दुखों, कष्टों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। श्री शनि अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली भगवान शनि के 108 पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनके विभिन्न स्वरूपों, गुणों

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हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र: Hanuman Dwadash Naam Stotram

हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र: गहराई से अध्ययन हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र का पाठ हिंदू धर्म में भगवान हनुमान जी की उपासना के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह स्तोत्र उनके बारह पवित्र और विशेष नामों की महिमा को प्रस्तुत करता है। हर नाम उनके किसी विशिष्ट गुण, चरित्र, और दिव्य कार्य का परिचायक है। यह स्तोत्र न केवल

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संकटमोचन हनुमान अष्टक: Sankatmochan Hanuman Ashtak

संकटमोचन हनुमान अष्टक का गहन परिचय संकटमोचन हनुमान अष्टक तुलसीदास द्वारा रचित वह महत्त्वपूर्ण काव्य रचना है जो संकटों में हनुमानजी की कृपा और पराक्रम को दर्शाती है। इसमें भगवान हनुमान की उन लीला प्रसंगों का वर्णन है, जिनमें उन्होंने अपने भक्तों और भगवान राम के कार्यों के लिए हर बाधा का नाश किया। इस

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कर्पूरगौरं करुणावतारं: Karpura Gauram Karuna Avataram

“कर्पूरगौरं करुणावतारं” केवल एक स्तुति नहीं है; यह भगवान शिव के प्रति गहन भक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। इस स्तोत्र में भगवान शिव के स्वरूप, उनके दिव्य गुणों और ब्रह्मांडीय महत्व को अत्यंत सटीकता और सुंदरता से व्यक्त किया गया है। इस लेख में हम श्लोक के हर शब्द और उसकी गहराई का विस्तार

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शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र: Shiv Panchakshar Stotram Mantra

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र केवल एक प्रार्थना नहीं है; यह भगवान शिव के तत्व, उनके स्वरूप, और आध्यात्मिक ऊर्जा का दर्पण है। इस स्तोत्र में ‘पंचाक्षर’ अर्थात पाँच अक्षरों “न, म, शि, व, और य” के गहरे आध्यात्मिक महत्व को सुंदर श्लोकों के माध्यम से उजागर किया गया है। इसे पढ़ने, समझने और आत्मसात करने

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Amalaki Ekadashi Vrat Katha: आमलकी एकादशी व्रत कथा

आमलकी एकादशी व्रत कथा: विस्तृत विवरण वैदिश नगर का धार्मिक परिवेश प्राचीन भारत के वैदिश नगर की सामाजिक संरचना अद्वितीय थी। यह नगर चारों वर्णों – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र – का समावेश करता था। हालांकि सामाजिक वर्ग भिन्न थे, लेकिन सभी के जीवन का केंद्र भगवान विष्णु की भक्ति थी। नास्तिकता जैसी किसी

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Papmochani Ekadashi Vrat Katha: पापमोचनी एकादशी व्रत कथा

पापमोचनी एकादशी व्रत कथा ऋषि मेधावी की तपस्या का महत्व प्राचीन समय में चैत्ररथ वन अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध था। यह वन तपस्वियों और साधकों के लिए आदर्श स्थान माना जाता था। इसी वन में ऋषि मेधावी ने अपनी तपस्या का आरंभ किया। वे अपनी साधना के लिए पूर्ण

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Kamada Ekadashi Vrat Katha: कामदा एकादशी व्रत कथा

कामदा एकादशी व्रत कथा का विस्तृत वर्णन परिचय: कामदा एकादशी का महत्व हिंदू धर्म में एकादशी व्रतों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इनमें से कामदा एकादशी विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। यह व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है और इसे कामनाओं की पूर्ति करने वाला व्रत कहा

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Shattila Ekadashi Vrat Katha: षटतिला एकादशी व्रत कथा

षटतिला एकादशी व्रत कथा का गहन विवरण नारद मुनि का प्रश्न और भगवान विष्णु का उत्तर सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के मानस पुत्र नारद मुनि जिज्ञासु स्वभाव के कारण अनेक विषयों पर ज्ञान प्राप्त करते थे। एक बार उन्होंने भगवान विष्णु से षटतिला एकादशी व्रत के विशेष महत्व के बारे में जानने की इच्छा प्रकट

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Vijaya Ekadashi Vrat Katha: विजया एकादशी व्रत कथा

विजया एकादशी व्रत कथा – विस्तारपूर्वक वर्णन भगवान राम का वनवास और सीता का हरण त्रेता युग में राजा दशरथ के पुत्र भगवान राम को एक आदर्श और मर्यादित व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है। जब राम को चौदह वर्षों का वनवास दिया गया, तो उन्होंने इसे सहजता से स्वीकार किया और माता सीता

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Aja Ekadashi Vrat Katha: अजा एकादशी व्रत कथा

अजा एकादशी व्रत कथा – विस्तृत विवरण राजा हरिश्चंद्र की जीवन यात्रा का प्रारंभ प्राचीन काल में हरिश्चंद्र नामक राजा अपने सत्य और धर्म के पालन के लिए प्रसिद्ध थे। उनका जीवन शांति और ऐश्वर्य से भरपूर था, लेकिन भाग्य ने उनके लिए कठिन परीक्षाएं तय कर रखी थीं। उनके जीवन में त्रासदी तब आई

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Mokshada Ekadashi Vrat Katha: मोक्षदा एकादशी व्रत कथा

मोक्षदा एकादशी व्रत कथा: विस्तृत विवरण गोकुल नगर और वैखानस राजा का धर्मपरायण शासन गोकुल नगर अपने आप में एक आदर्श राज्य था, जहां वैखानस नामक राजा ने धर्म और न्याय पर आधारित शासन किया। वैखानस राजा को अपने कर्तव्यों का गहन ज्ञान था, और वे वेदों के ज्ञाता ब्राह्मणों के साथ परामर्श करके हर

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Parsva Ekadashi Vrat Katha: पार्श्व एकादशी व्रत कथा

पार्श्व एकादशी व्रत कथा (विस्तृत विवरण) कथा आरंभ: धर्म, नीति और भगवान की महिमा महाभारत के युद्धभूमि में जब धर्मराज युधिष्ठिर को अनिश्चितता और कर्तव्यों के प्रति संशय हुआ, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें धर्म और नीति की शिक्षा दी। इन शिक्षाओं के माध्यम से उन्होंने युधिष्ठिर के भीतर सत्य, दान, और भक्ति के आदर्शों

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